AI और एक्सेसिबिलिटी – भारत में संभावनाएं और चुनौतियाँ

MAHESH CHANDRA PANT
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AI और एक्सेसिबिलिटी – भारत में संभावनाएं और चुनौतियाँ

परिचय

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता आज जीवन के हर क्षेत्र में परिवर्तन ला रही है। एक्सेसिबिलिटी का तात्पर्य है – सभी व्यक्तियों, विशेषकर दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों या तकनीकी रूप से वंचित समुदायों को समान रूप से सेवाएं और संसाधन उपलब्ध कराना। भारत जैसे विविधता से भरे देश में AI और एक्सेसिबिलिटी का मेल सामाजिक समावेशन और डिजिटल समानता को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बन सकता है।


संभावनाएँ

AI एक्सेसिबिलिटी को नए स्तर पर ले जा सकता है:
  • दिव्यांगजनों के लिए सहायक तकनीक: स्पीच-टू-टेक्स्ट और टेक्स्ट-टू-स्पीच टूल्स से सुविधा।
  • स्थानीय भाषाओं में सेवाएँ: क्षेत्रीय भाषा में AI सेवाओं की पहुँच बढ़ना।
  • शिक्षा में समावेश: विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए कस्टमाइज्ड लर्निंग।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: AI चैटबॉट्स व ऑडियो-आधारित हेल्थ टूल्स।
  • डिजिटल इंडिया में योगदान: सभी के लिए डिजिटल समानता।


चुनौतियाँ

कुछ प्रमुख बाधाएँ जो समाधान चाहती हैं:
  • डिजिटल डिवाइड: ग्रामीण-शहरी अंतर, संसाधनों की असमानता।
  • भाषाई विविधता: AI मॉडल का सीमित भाषा समर्थन।
  • डेटा गोपनीयता: यूज़र डेटा के दुरुपयोग की आशंका।
  • तकनीकी साक्षरता की कमी: टूल्स का सही उपयोग न कर पाने की चुनौती।
  • नीतिगत सीमाएं: ठोस नीति और बजट की कमी।


निष्कर्ष

AI भारत में एक्सेसिबिलिटी को एक नई दिशा देने की क्षमता रखता है। यह न केवल दिव्यांगजनों और वंचित समुदायों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए समान अवसर सुनिश्चित कर सकता है। परंतु इसके लिए तकनीकी, सामाजिक और नीतिगत स्तर पर ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। यदि हम इन चुनौतियों का समाधान करें, तो AI भारत को वास्तव में "सभी के लिए डिजिटल भारत" बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।



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